Saturday, March 17, 2012

VEDIC WAR WISDOM


ऋग्वेद मंडल १/सूक्त ४२/मन्त्र ३ 
अप त्यं परिपन्थिनं मुषीवाणं हुरश्चितम ।
दूरमधि स्त्रुतेराज ।।

जो कोई चोर, कुटिल, पापी राक्षस तेरे मार्ग में रास्ता रोककर खड़ा हो, तू उसे पकड़ कर मार्ग से दूर फेंक दे।

ऋग्वेद मंडल ९/सूक्त ६३/मन्त्र २९  

अप घनंत्सोम रक्षसो अभ्यर्ष कनिक्रदत ।
द्युमन्तं शुष्ममुत्तमम ।।


हे वीरता के देव, राक्षसों का विध्वंस करता हुआ, गर्जता हुआ आगे बढ़। जाज्वल्यमान उत्तम बल को प्राप्त कर।


ऋग्वेद मंडल १०/सूक्त १५२/मन्त्र ३  

वि रक्षो वि मृधो जहि वि वृत्रस्य हनु रूज।
वि मन्युमिन्द्र वृत्रहन्नमित्रस्याभिसतः।।


हे वीर! राक्षसों का संहार कर, हिंसकों को कुचल डाल, दुष्ट शत्रुओं की दाढ़ें तोड़ दे। जो तुझे दास बनाना चाहते हैं, उन के क्रोध को चूर चूर कर दे।


ऋग्वेद मंडल ४ /सूक्त ४/मन्त्र ४   

उदग्रे तिष्ठ प्रत्या तनुष्व न्यामित्रां ओषतात तिग्महेते।
यो नो अरातिं समिधान चक्रे नीचा तं धक्ष्यतसं न शुष्कं ।।

हे अग्नितुल्य वीर, उठ खड़ा हो, अपने प्रभाव का विस्तार कर। तीक्ष्ण ज्वाला वाले, शत्रुओं का वध कर दे। हे दीप्तिमान, जो हमसे शत्रुता करे, उस नीच को सूखे काठ के सामान जला दे।


यजुर्वेद सूक्त ११/मन्त्र ८०  

यो अस्मभ्यमरातीयाद यश्न नो द्वेश्ते जनः।
निन्द्याद्यों अस्मान धिप्साच्च सर्वं तं मस्मसा कुरु।।

जो हमसे शत्रुता करे, जो जन हमसे द्वेष करे, जो हमारी निंदा करे और हमारी हत्या करना चाहे, हे वीर, उन सभी को तू मसल डाल।


यजुर्वेद सूक्त १५/मन्त्र ३९ 

भद्रा उत प्रशस्तयो भद्रं मनः कृष्णुष्व वृत्रतूर्ये।
येना समत्सु सासहः।।

स्मरण रहे, तेरी प्रशस्तियाँ भद्र होनी चाहियें। राक्षसों के संहार में अपने मन को भद्र बनाए रख, जिससे तू संग्रामों में शत्रुओं को सच्चे अर्थों में जीत सके।


अर्थर्ववेद मंडल १/सूक्त २१/मन्त्र 2

वि न इंद्र मृधो जहि नीचा यच्छ पृतन्यतः।
अधमं गमया तमो यो अस्मां अभिदासति ।।

हे वीर! जो हमारी हिंसा करने आये, उसे नष्ट कर दे। सेना लेकर धावा बोलनेवाले को नीचा दिखा दे। जो हमें दास बनाना चाहे, उसे घोर अन्धकार में डाल दे।

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3 comments:

  1. This is a wonderful and amazing blog. Hats off to you. May you be blessed for defending Bharatmata.

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  2. Bhai jitne bhi cheeje aapne is blog pe likhi hai wo sab itni sahi aur satik hai ki koi maai ka laal kaat nahi sakta and aankh k andho k liye sabhi cheejo ka proof bhi diya hai. Hinduism ko aaj aapk jiase veero ki jaroorat hai. hamare dharm ki kuch buraayian jaise caste system, gotra system,purda pratha etc bhi pe bhi aap likho taaki hamara Hindu dharm wapas vedis kaal k jaisa ho paaye.
    Jai Shri Ram, Jai Hind.

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  3. नीरज अत्री जी क्या आप opindia नामक YouTube channel के साथ एक या अधिक एपिसोड करने में इच्छुक हैं?
    Opindia की पहुंच और platform से आपके वामपंथी और abrahamic मजहबों के खिलाफ मुहिम को अवश्य ही बल मिलेगा।
    इस कृत्य के लिए कृपया समय निकालिए।
    Opindia के editor in chief अजीत भारती जी से मैं पहले ही बात कर चुका हूँ और वह आपसे संवाद स्थापित करने के इच्छुक भी हैं।

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